नई दिल्ली/ विश्व बाजार में आर्थिक मंदी की आहट के बीच हालांकि देश से टेक्सटाइल और गारमेण्ट के निर्यात में भारी गिरावट दर्ज की गई लेकिन रेडीमेड गारमेंट के नियात में वृद्धि हुई है, हालांकि यह केवल 1.1 प्रतिशत की है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में समाप्त हुए वित्त वर्ष के दौरान देश से कुल निर्यात (वस्तु और सेवा) पूर्व वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत बढ़कर 770 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसमें केवल वस्तुओं का ही निर्यात 6 प्रतिशत बढ़कर 447 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है, हालांकि यह आरंभिक अनुमानों की तुलना में कम है। बहरहाल, बीते वित्त वर्ष में गारमेण्ट का कुल निर्यात पूर्व वर्ष की तुलना में 1.1 प्रतिशत बढ़कर 16,191.47 मिलियन डॉलर का हो गया है, जबकि गत वर्ष यह 16,014.84 मिलियन डॉलर ही था।
हालांकि आरंभ में देश से रेडीमेड गारमेण्ट के निर्यात में बढ़ोतरी बनी हुई थी, लेकिन बीच में कुछ गिरावट भी आई। इसके बावजूद वृद्धि दर ऊंची बनी हुई थी। बहरहाल, अमेरिका, यूरोप आदि देशों में महंगाई की की ऊंची दर होने से वहां की मांग प्रभावित होने के कारण मार्च के दौरान देश से रेडीमेड गारमेण्ट के निर्यात में लगभग 17 प्रतिशत की गिरावट से बढ़ोतरी का सारा गणित बिगड़ गया। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मार्च 2023 में देश से रेडीमेड गारमेण्ट का निर्यात 16.7 प्रतिशत गिर कर 1,448.30 मिलियन डॉलर ही रह गया। विश्व में प्रतिकूल परिस्थितियों और आर्थिक मंदी के बावजूद देश से गारमेंट निर्यात में बढ़ोतरी का श्रेय सरकार को देते हुए अपैरल एक्सपोर्ट प्रोमोशन कौंसिल के चेयरमैन श्री नरेन गोयनका ने कहा है कि यह सब सरकार की उद्योग के प्रति दोस्ताना नीतियों, गारमेण्ट सेक्टर की विभिन्न योजनाओं के लिए बजट में अधिक आवंटन, पीएम मित्रा आदि योजनाओं के लागू करने से ही संभव हो पाया है। उनका कहना है कि एमएमएफ जैसे गैर-परम्परागत सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम से देश के रेडीमेड गारमेंट को समर्थन मिला है।
श्री गोयनका कहना है कि सरकारी योजना से उद्योग में नया जोश आएगा और आशा है कि चालू वित्त वर्ष में रेडीमेड गारमेंट निर्यात में और बढ़ोतरी होगी तथा उद्योग सरकार के 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देगा। रशिया और यूक्रेन बीच युद्व, प्रमुख आयातक देशों में मंदी के दौरान, अन्य निर्यातक देशों के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा और वर्ष के आरंभ में कच्चे माल के भाव में उतार-चढ़ाव के बीच रेडीमेड गारमेण्ट निर्यात में बढ़ोतरी एक सरहानीय उपलब्धि ही है।
टेक्सटाइल निर्यात में गिरावट- आलोच्य वर्ष के दौरान देश से टेक्सटाइल निर्यात में भारी गिरावट आई। टेक्सटाइल्स का कुल निर्यात 2022-23 के दौरान 23.36 प्रतिशत लुढ़ककर 19,388.25 मिलियन डॉलर रह गया। पूर्व वर्ष में देश से 25,298.37 मिलियन डॉलर मूल्य का निर्यात किया गया था। टेक्सटाइल्स के सभी सेक्टरों में गिरावट रही। कॉटन यार्न, फैब्रिक, मेड-अप्स, हेंडलूम आदि का निर्यात 28.45 प्रतिशत गिर कर 10,948.20 मिलियन डॉलर रह गया। मैन-मेड यार्न, फैब्रिक, मेड-अप्स आदि का निर्यात 4,948.88 मिलियन रहा, जो पूर्व वर्ष की तुलना में 11.86 प्रतिशत कम है। जूट उत्पाद, कार्पेट, हैंडीक्रॅाफ्ट्स आदि के निर्यात में भी कमी आई है। वर्ष 2022-23 में देश से टेक्सटाइल्स और गारमेण्ट का कुल निर्यात 35,579.72 मिलियन डॉलर का हुआ, जो 2021-22 के निर्यात 41,313.21 मिलियन डॉलर की तुलना में 13.88 प्रतिशत कम है। देश के कुल निर्यात में टेक्सटाइल्स और रेडीमेड गारमेण्ट का योगदान आलोच्य वर्ष में गिर कर 7.95 प्रतिशत रह गया, जो इससे पूर्व वर्ष 9.79 प्रतिशत था।
आयात बढ़ा- हाल ही में समाप्त हुए वित्त वर्ष 2022-23 में रॉ कॉटन और वेस्ट कॉटन के आयात में भारी वृद्धि हुई है और 1,438.52 मिलियन डॉलर का हुआ, जो पूर्व वर्ष की तुलना में लगभग 157 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2021-22 में आयात केवल 559.55 मिलियन डॉलर ही था। जानकारों का कहना है कि देश में कॉटन के भाव विश्व बाजार की तुलना में काफी ऊंचे होने से मिलों ने अधिक आयात किया। टेक्सटाइल, यार्न, फैब्रिक और मेड-अप्स आदि के आयात में भी लगभग 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 2,617.79 मिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया, जो पूर्व वर्ष में 2,065.45 मिलियन डॉलर ही था।
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