15 अगस्त बाद बाजार के चलने की संभावना
मुंबई/ रमाशंकर पाण्डेय
कपड़ा बाजार करवट बदलने के लिए मचल रहा है। शर्टिंग में मूवमेंट अच्छा संकेत है। कॉटन यार्न की तेजी से सूती ग्रे कपड़ों के भाव बढऩे शुरू हो गए हंै। सिंथेटिक कपड़ों की मांग ढ़ीली है। मिलों की शर्टिंग में भाव बढ़ाने की शुरूआत हो गई है, कुछ मिलों के भाव 8 से 9 रू मीटर तक बढ़े हैं। सूटिंग की मांग बढऩे का कोई संकेत नहीं मिला है, लेकिन डेनिम का उत्पादन
फिर से सुधर रहा है। मेडअप्स तथा होम फ र्निंशिंग की मांग है, इसमें निर्यात मांग का सपोर्ट लगातार मिल रहा है। गारमेण्ट इकाईयों की तैयारी विंटर सीजन की ओर है। ऑफ सीजन सेल के कारण रिटेलर्स के पास गारमेण्ट के पुराने स्टॅाक कम हो जाने पर फि र मांग निकलने की संभावना है।
ऑफ सीजन, मॉनसून सक्रिय होने, कामकाज कमजोर रहने तथा बढ़े आर्थिक संकट के कारण बाजार का रुख ढ़ीला है। कपड़ों में स्थानीय तथा देसावरों की मांग नहीं होने के साथ साथ पूर्व की सभी बिक्री सीजन फेल जाने से बाजारों में फि निश कपड़ों का भरपूर स्टॉक पड़ा हुआ है। पुरानी उधारी अभी भी समय पर नहीं उतर रही है, जबकि देसावरी मंडियों में लॉकडाउन हल्का होने से कारोबार हो रहा है। उत्पादन स्तर पर कॉटन यार्न के भाव बढ़ जाने से ग्रे कपड़ों की लागत ऊंची आ रही है। ऊंचे भाव पर ग्रे कपड़ों के लेवाल कम होने से उत्पादन घटा है। साउथ की मिलें अब अच्छे एजेंटों के माध्यम से 30से 40 दिनों की उधारी पर पीडीसी चेक लेकर माल बेचने लगी है।
देश के दस राज्यों में कोरोना बढऩे और तीसरी लहर की आहट से कामकाज धीमा है, परंतु 15 अगस्त के बाद त्यौहारों की ग्राहकी शुरू होने की संभावना है। समर सीजन में इसके कारण व्यापारियों एवं उत्पादकों को बहुत कुछ सहन करना पड़ा है। समर सीजन का माल नहीं बिकने से पुराना स्टॉक येन केन प्रकारेण खाली करने को व्यापारी मजबूर हुए हंै। इसी कारण आगामी विंटर सीजन की तैयारियों को लेकर सभी चौकन्ने हो गए है। विंटर सीजन के नये माल का डिस्पेच अगस्त में शुरू होने की धारणा है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि कोरोना के मामले नहीं बढ़ें, अन्यथा लॉकडाउन जैसी नौबत आने पर कारोबार को फि र से भारी झटका लग सकता है।
यूरोपियन यूनियन ने पाकिस्तान से किए जाते निर्यात पर उसे मिलती शुल्क छूट का लाभ अब निरस्त कर दिया है, इससे अब पाकिस्तान का माल महंगा हो जाएगा। इससे भारत से टेक्सटाइल विशेषकर मेडअप्स तथा कोर्सर काउंट कपड़ों के निर्यात को लाभ होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त भारत के माल के सामने पाकिस्तान की प्रतिस्पर्धा बंद हो जाएगी। यूरोपियन यूनियन पाकिस्तान का दूसरे क्रम का एक बड़ा कारोबारी भागीदार है। पाकिस्तान के कुल विदेश व्यापार में 14.3 प्रतिशत और निर्यात में 28 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन पाकिस्तान के इस्लामनिंदा के विवादास्पद कानून के मसले पर यूरोपीय संसद ने हाल ही में पाकिस्तान को मिलता जीएसपी का दर्जा रद्द कर दिया है।
कपड़ों की सभी वेरायटी में करेंट है, ऐसा भी नहीं है। कुछ ऐसी वेरायटी हंै, जिनकी बिक्री खुलने में थोड़ा और समय लग सकता है, लेकिन कॉटन ग्रे कपड़ों की तेजी के बाद मिलों की शर्टिंग में करेंट दिखाई दे रहा है। ब्रांडेड शर्टिंग के भाव बढ़ रहे हंै। इस दौरान लिनन, लायक्रा, पीस डाईड और ट्वील डॉबी जैसी वैरायटी में मांग निकली है। यार्न डाईड शर्टिंग का बाजार अच्छा है।
थोड़ी नरमी के बाद इसमे भी करेंट दिखाई दे रहा है। फि निश यार्न डाईड शर्टिंग में मिलों का भाव 125 रू के आसपास है। निट्स में जबरदस्त तेजी है। प्रिंटेड कपड़ों की मांग निकली है, तो दूसरी ओर मंद रहे डेनिम का उत्पादन बढ़ रहा है, परंतु मांग में अभी उतनी तेजी नहीं है।
रेयॉन में उत्पादन की अधिकता से मांग थोड़ी सुस्ती हो गई है। रेयॉन 63’’ पना 17किलो क्वालिटी के ग्रे का भाव 39.50 से 41 रू है। साडिय़ों की मांग अभी ठंडी है, लेकिन अगस्त से मांग निकलने की संभावना है। इसी तरह मर्दानी धोती का उत्पादन कम है, माल का उठाव भी नहीं है। इचलकरंजी में इसका उत्पादन के बदले लूमों में अन्य वेराइटी के कपड़ों का उत्पादन लिया जा रहा है। बाजार में सूती ग्रे जोड़ा का भाव 232 रू, तो पोलिएस्टर कॉटन का भाव 162 रू है। इसी तरह ब्लाउज मटीरियल की मांग अभी कमजोर है। साडिय़ों के साथ अधिकतर ब्लाउज पीस अटेच होने से रूबिया एवं टेरी रूबिया की मांग त्यौहारी सीजन में अधिक होती है, जिसका बाजार में भरपूर फि निश माल है।
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