नई दिल्ली/ राजेश शर्मा
देश के टेक्सटाइल और गारमेण्ट उद्योग व निर्यातकों द्वारा विगत दिनों सरकार द्वारा घोषित की गई नई विदेश व्यापार नीति का स्वागत करते हुए कहा कि इससे निर्यात में वृद्धि के साथ ही एमएसएमई को भी बढ़ावा मिलेगा।
अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल ने नई विदेश व्यापार नीति की सराहना करते हए कहा है विदेश व्यापार नीति 2023 सरकार की प्रगतिशील और विकासोन्मुख दृष्टि दर्शाती है। एईपीसी के चेयरमैन श्री नरेन गोयनका का कहना है कि यह नीति एमएसएमई को प्रोत्साहन देती है और इससे महिलाओं की भागीदारी बढऩे के साथ ही नई नीति से दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मता सुनिश्चित करेगी। नई नीति विनिर्माण और व्यावसायिक प्रक्रियाओं में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने में मदद करेगी। श्री गोयनका ने नई विदेश व्यापार नीति में स्पेशल एडवांस अथोराईजेशसन स्कीम का विस्तार स्व-घोषणा के आधार पर परिधान और वस्त्र तक करने के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम देश से गारमेंट निर्यात को बढ़ाने में सहायक होगा। नई नीति में एमएसएमई के लिए लाईसेंस फीस कम की गई है तथा फाईव स्टार एक्सपोर्ट हाऊस के लिए एक्सपोर्ट टर्न ओवर की सीमा को कम किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रधान मंत्री मेगा इंटेग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पाक्र्स (पीएम मित्रा) योजना को एक अतिरिक्त योजना के रुप में जोड़ा गया है, जिससे सीएसपी यानि कामन सर्विस प्रोवाईडर और स्कीम और एक्पोर्ट प्रोमोशन कैपीटल गुड्स स्कीम से पाकों को सहायता मिलेगी। एईपीसी ने नई विदेश व्यापार नीति को विश्व व्यापार संगठन की नीति केे अनुरुप बनाने के लिए धन्यवाद दिया है, क्योंकि इससे नीति में निरंतरता और स्थिरता बनी रहेगी।
निर्यात प्रक्रियाओं के सरलीकरण और डिजिटलीकरण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने से सिस्टम को कुशल और लागत प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकेगा। कांफैडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री के चेयरमैन श्री टी. राजकुमार ने भी नई विदेश व्यापार नीति की सराहना करते हुए कहा है कि नई नीति प्रौद्योगिकी, स्वचालन (ऑटोमेशन) के माध्यम से भारत के व्यापार में परिवर्तनकारी बदलाव लाएगी। इससे भारत विश्व में उभरती आर्थिक व अन्य चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम होगा।
श्री राजकुमार का कहना है कि टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेण्ट देश की अर्थ-व्यवस्था का प्रमुख भाग है और देश के कुल निर्यात में इसका योगदान 8-9 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्स में लगने वाला समय टेक्सटाइल और गारमेण्ट के निर्यात कारोबार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नई नीति से जिस काम की प्रक्रिया के लिए एक महीने का समय लगता है वह चंद दिनों में पूरा हो जाएगा। उनका कहना है कि नई विदेश व्यापार नीति के तहत रुपए में भुगतान के प्रावधान रुपए के अंतर्राष्ट्रीयकरण से बांग्लादेश, श्रीलंका, रुस आदि देशों के साथ टेक्सटाइल और गारमेण्ट के कारोबार में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि स्व घोषणा के आधार पर परिधान और वस्त्र क्षेत्र को स्पेशल एडवांस आथोराईजेशन स्कीम में शामिल करने की लम्बे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी, इससे निर्यात आर्डर को जल्दी पूरा किया जा सकेगा।
नई एमनेस्टी योजना भारत के टेक्सटाइल गारमेण्ट उद्योग के लिए लाभदायक साबित होगी। उल्लेखनीय है कि पुरानी विदेशी नीति 31 मार्च 2020 तक थी, लेकिन कोविड और कुछ अन्य कारणों से उसी में संशोधन किए जा रहे थे। नई विदेश व्यापार नीति की कोई सीमा नहीं है तथा समय-समय पर आवश्यकता के अनुरुप इसे अपडेट किया जाता रहेगा। सरकार का कहना है कि 2030 तक देश का निर्यात 2 ट्रिलियन तक पहुंच जाना चाहिए और नई नीति इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। नई नीति विभिन्न हितधारकों से लम्बे समय तक विचार-विमर्श करने के बाद तैयार की गई है। नई नीति के चार प्रमुख स्तंभ हैं-प्रोत्साहनों से छूट की ओर बढऩा, गंठबंधनों के माध्यम से निर्यात संवर्धन, कारोबार करने की सुगमता और नए उभरते क्षैत्रों यानि निर्यात हबों पर ध्यान।
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