भीलवाड़ा/ टेक्सटाइल क्षेत्र के निर्यात में 100 बिलियन डॉलर का लक्ष्य हमें मेनमेड फाइबर उद्योग के विकास एवं निर्यात से ही प्राप्त हो सकता है, क्योंकि पूरे विश्व में 74 प्रतिशत मेनमेड फाइबर आधारित टेक्सटाइल का उपयोग होता है एवं साथ ही हमारे देश में कॉटन फाइबर का उत्पादन लगभग स्थिर है और इसके बढऩे की सम्भावनाएं प्राकृतिक कारणों से कम है। भीलवाड़ा मेनमेड फाइबर टेक्सटाइल उत्पादन का बहुत बड़ा केन्द्र है एवं इसके आगे उन्नति की भी बहुत संभावनाएं हंै। भीलवाड़ा के उद्यमियों ने आधुनिकी का उपयोग कर अपने उद्योगों एवं क्वालिटी को विश्वस्तरीय बनाया है। मेगा टेक्सटाइल पार्क के लिए यहां भूमि की उपलब्धता, रोड एवं रेल कनेक्टिविटी, चम्बल के पानी की उपलब्धता के साथ यहां के उद्यमियों की उद्यमशीलता भीलवाड़ा की दावेदारी को मजबूती दे रही है। मेगा टेक्सटाइल पार्क योजना के लिए केन्द्रीय मंत्रीमण्डल की स्वीकृति के बाद शीघ्र ही गाइडलाइन्स जारी की जाकर राज्यों से प्रस्ताव मांगे जाएंगे। यह बात केन्द्रीय कपड़ा सचिव श्री उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने राजस्थान टेक्सटाइल मिल्स एसोसियेशन एवं मेवाड़ चेम्बर की ओर से आयोजित टेक्सटाइल विजन 2025 पर आयोजित बैठक में कही।
श्री सिंह ने कहा कि पीएलआई स्कीम का मुख्य उद्देश्य देश से टेक्सटाइल निर्यात बढ़ाने के लिए विश्वस्तरीय बड़े उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए है। सरकार का लक्ष्य टेक्सटाइल उद्योग में मेनमेड टेक्सटाइल एवं टेक्निकल टेक्सटाइल की ऐसी इकाईयां स्थापित करने का है, जो निर्यात में बड़ी भागीदारी निभा सके। इस स्कीम का लक्ष्य मध्यम एवं लघु उद्योगों के लिए नहीं है। इस स्कीम के तहत अनुदान राज्य सरकारों की टेक्सटाइल नीतियों के अतिरिक्त होंगे। उन्होंने कहाकि जीएसटी कौन्सिल की हाल ही में आयोजित बैठक में 1 जनवरी 2022 से इन्वर्टेड ड्यूटी प्रणाली समाप्त करने का निर्णय लिया गया है एवं जानकारी के अनुसार यार्न एवं कपड़े पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने की संभावना है। वर्तमान में कपड़े पर 5 प्रतिशत जीएसटी ही है एवं 12 प्रतिशत होने पर कपड़े की मांग एवं निर्यात पर विपरीत असर पड़ेगा। टेक्सटाइल मंत्रालय की ओर से तो इस विषय को उठाया ही जायेगा, लेकिन सांसद महोदय भी अपने स्तर पर प्रयास करें। उन्होंने कहा कि चीन में विद्युत संकट हमारे टेक्सटाइल उद्योग के लिए वरदान साबित हो सकता है।
नीति आयोग के पूर्व विशिष्ठ सचिव श्री यदुवेन्द्र माथुर ने भीलवाड़ा में मेगा टेक्सटाइल पार्क की स्थापना की वकालत करते हुए कहा कि सरकार के कई मापदण्ड होते हैं, लेकिन उन मापदण्डों के साथ भीलवाड़ा के उद्यमियों की उद्यमशीलता को भी एक बड़ा मापदण्ड माना जाना चाहिए। टेक्सटाइल से पूर्व में भीलवाड़ा के उद्यमियों ने माइनिंग उद्योग, ड्रिलिंग उद्योग एवं अन्य कई क्षेत्रों में पूरे देश में अपना डंका बजाया था। देश में कहीं भी उद्यमशीलता से विकास को देखना हो तो भीलवाड़ा उसका सबसे बढिय़ा उदाहरण है। यहां के नवजवान उद्यमी न केवल उद्योग के लिए काम कर रहे हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भारत में सबसे आगे हैं। उन्होंने उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि मेगा टेक्सटाइल पार्क में कुछ ऐसे उद्योग विकसित करने की योजनाएं बनायें जो देश में उदाहरण बन सके, विशेष रुप से टेक्निकल टेक्सटाइल के क्षैत्र में।
जिला कलक्टर श्री शिव प्रसाद एम नकाते ने भीलवाड़ा में मेगा टेक्सटाइल पार्क की स्थापना की मांग करते हुए कहा कि यहां के उद्यमी इसकी मांग किसी अनुदान के लिए नहीं कर रहे है बल्कि यहां के उद्यमियों ने तो पूर्व में भी सरकार के सहयोग एवं विभिन्न अनुदानों को उद्योगों के विकास के लिए ही किया है। उनको उद्योग चलाने के लिए बैसाखी नहीं बनाया। भीलवाड़ा की पहचान ही यहां के उद्यमियों की लगन एवं प्रतिबद्धता है, जिससे यह आज देश का सबसे आधुनिक टेक्सटाइल हब बन पाया है। उन्होंने कपड़ा सचिव को बताया कि जिले में दो स्थानों पर एक हजार हेक्टर से ज्यादा सरकार भूमि उपलब्ध होने के साथ यह स्थान चारों तरफ से नेशनल हाईवे से जुड़ा हुआ है, यहां से राज्य के सभी बड़े शहर मात्र दो घण्टे की दूरी पर है। चम्बल का पानी आने के साथ टेक्सटाइल पार्क में उद्योगों को पानी की कोई समस्या नहीं होगी। साथ ही यहां न केवल प्रशिक्षित कामगार उपलब्ध हैं बल्कि यहां का औद्योगिक वातावरण भी शांतिपूर्वक है। उद्योग एवं कामगारों के मध्य इतने अच्छे संबंध एवं विश्वास है कि कोरोना समय में जहां देश के सभी औद्योगिक केन्द्रों से मजदूरों का पलायन हुआ, यहां के मजदूरों ने अपने नियोजकों पर पूरा भरोसा बनाये रखकर पलायन नहीं किया। प्रदूषित जल के उपचार एवं जीरो डिस्चार्ज बनाये रखकर भीलवाड़ा पूरे देश में एक उदाहरण है।
भीलवाड़ा के सांसद श्री सुभाष बहेडिय़ा ने कहा कि मेगा टेक्सटाइल पार्क के लिए भीलवाड़ा का निश्चित रुप से हक बनता है, क्योंकि भीलवाड़ा पिछले 25 सालो में 4 लाख मीटर महीने से 9 करोड़ मीटर कपड़ा उत्पादन पर पहुंचा है। उन्होने कहा कि इन्वर्टेड ड्यूटी समाप्त होने पर यार्न पर भी कपड़े के समान 5 प्रतिशत जीएसटी होनी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान आरटीपीए के चेयरमेन डॉ. एसएन मोदानी ने टेक्सटाइल की वर्तमान स्थिति एवं विजन 2025 पर पॉवरपाइन्ट प्रजेन्टेशन के साथ बताया कि अगर भीलवाड़ा में मेगा टेक्सटाइल पार्क स्वीकृत किया जाए, तो यहां का टेक्सटाइल उद्योग का उत्पादन 20 हजार करोड़ प्रतिवर्ष से बढ़कर 50 हजार करोड़ प्रतिवर्ष का हो जाएगा। चेम्बर अध्यक्ष श्री जी सी जैन ने स्वागत भाषण दिया। सर्व श्री आर पी सोनी, एस पी नाथानी, आर एल नौलखा, जे सी लढ्ढा, वीके सोडानी, डॉ. पी एम बेसवाल ने पुष्पगुच्छ से अतिथियों का स्वागत किया।
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