रिटेल फैशन के राजस्व में 15-17 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान
नई दिल्ली/राजेश शर्मा
हालांकि गत वर्ष कोविड-19 के दौरान देश के फैशन रिटेल को बुरे दिनों से गुजरना पड़ा था और कारोबार में काफी गिरावट आई थी लेकिन अब स्थिति विपरीत है। उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कई महीनों तक देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सामाजिक, व्यापारिक, औद्योगिक गतिविधियां लगभग बंद हो जाने से आम आदमी के जन-जीवन में बदलाव आया था और इसका असर अन्य उद्योग-व्यापार के साथ फैशन रिटेल पर भी प्रतिकूल असर पड़ा था। बहरहाल इस वर्ष स्थिति में काफी बदलाव आया है, हालांकि कोविड-19 की दूसरी लहर से परेशानी भरे दिन भी रहे। रेटिंग एजेंसी इक्रा की साक्षी सुनेजा का कहना है कि यदि कोविड-19 की तीसरी लहर नहीं आती है, तो मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान फैशन रिटेल के राजस्व में 23-25 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान है। उनका मानना है कि टीकाकरण में सुधार के कारण इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से रिटेल फैशन के राजस्व में 15-17 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है, जो वार्षिक स्तर पर 23-25 प्रतिशत होगी, फिर भी यह वृद्धि या राजस्व कोविड-19 के पूर्व की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत कम होगी।
सुश्री सुनेजा के अनुसार यही कारण है कि रेटिंग एजेंसी ने इस सैक्टर को फि लहाल नेगेटिव ग्रोथ में ही रखा है तथा आगामी वित्त वर्ष यानि 2022-23 की दूसरी तिमाही तक ही इस सेक्टर का राजस्व कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंचने की आशा है। हाल ही में राजस्व में जो बढ़ोतरी का अनुमान या आशा है, उसके दो अन्य कारण भी हैं। इनमें से पहला कारण 2021-22 की पहली तिमाही में किराए-भाड़े में लगभग 55 प्रतिशत की भारी कमी तथा दूसरा कारण ऑनलाईन खरीद में पूर्व वर्ष की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्वि है। बहरहाल, रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि कोविड महामारी की तीसरी लहर आने की सम्भावना, जिसे अभी नकारा नहीं जा सकता, तो राजस्व में 40 प्रतिशत तक की गिरावट भी आ सकती है।
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