कॉटन धागे में तेजी का रूख लगातार जारी
भीलवाड़ा/ कमलेश व्यास
स्थानीय वस्त्र मंडी में 15 अगस्त के बाद आने वाले सीजन की पूछ परख होने लगी है। उद्यमी लूम्स पर प्लानिंग कर रहे हैं। कोरोना के साथ ही जीने की प्रतिबद्धता रखते हुए व्यापार करने में तत्पर रहना पड़ेगा, ऐसा कई उद्यमियों एवं व्यापारियों का मानना है। बाजार सूत्रों के अनुसार मंडी में फिलहाल लगभग 40-50 प्रतिशत उत्पादन हो रहा है। लॉकडाउन में निर्यात बाजार में बेहतर डिमांड आने से कार्य हुआ था, लेकिन बीच में पुन: ग्राफ गिरा। अब उद्यमियों का कहना है कि एक्सपोर्ट में पुन: डिमांड निकली है, जिससे व्यापार गति पकड़ेगा। घरेलू बाजार में भी कई मंडियों से डिमांड आना शुरू हो चुकी है, क्योंकि 2-3 राज्यों को छोड़कर अधिकांश राज्यों में बाजार पूरे खुल चुके हैं। दिशावरी मंडियों में अभी प्रिंटेड, फैंसी, टीआर, 2/18, की मांग शनै: शनै: आ रही है। गारमेंट सेक्टर की फैब्रिक में भी शुरुआत हो चुकी है।
यार्न सेक्टर में सिंथेटिक धागे की दरें पिछले पखवाड़े में 5 से 6 रुपए की वृद्धि हुई है एवं कॉटन धागे में डिमांड अच्छी है। कॉटन धागे की दरें बढ़ चुकी है और आगे इसमें लागत और बढ़ेगी।
एके स्पिनटेक्स - के टेक्निकल प्रेसिडेंट श्री अरुण सिंह ने बताया कि एक्सपोर्ट में डिमांड आने लगी है, हालांकि अफगानिस्तान में क्राइसिस होने से कपड़ा नहीं जा रहा है परंतु अन्य देशों से डिमांड शुरू हो चुकी है। उन्होंने बताया कि लोकडाउन के समय से प्रोसेस गृहों में 25-30 प्रतिशत कटौती चल रही थी, वो अब 10 प्रतिशत रह गई है। इधर यूनिफॉर्म सेक्टर में हलचल शुरू हुई है, हालांकि मालों के ऑर्डर नहीं आए हैं। कुछ आगामी सीजन के लिहाज से फैंसी में भी प्लानिंग करने लगे हैं।
सिद्धार्थ एजेंसी के एमडी श्री सिद्धार्थ श्रीमाल ने बाजार की स्थिति में अवगत कराते हुए कहा कि व्यापारी आगामी सीजन के लिए काफी उत्साहित हैं परंतु तीसरी लहर की संभावना की चर्चा के चलते सभी आशंकित हैं, जिससे निर्णय नहीं कर पा रहे हैं। कपड़ा उत्पादकों पर डबल लोनिंग का भार बढ़ गया है, क्योंकि इसमें पिछले वर्ष तो मोरटोरियम दी गई थी परंतु इस बार ऐसा नहीं हुआ और उन्होंने फिर लोन लिया इसमें डबल इंस्टॉलमेंट देनी पड़ रही है। अगस्त अंतिम समय तक स्थिति क्या रहती है, उसके मद्देनजर ही उद्यमी निर्णय कर पाएंगे।
बाँसवाड़ा सिन्टेक्स में स्थानीय सप्लायर श्री बी झी झँवर ने बताया कि पिछले दो वर्षों से सभी ने बढ़ते स्टॉक पर लगाम लगाई और उत्पादक, होलसेलर एवं रिटेलर सभी ने बाजार के हालात को काफी समझा है और उसी के मद्देनजर प्लानिंग कर रहे हैं। अब सब कुछ ठीक रहा तो अगस्त महिने के अंत तक डिमाण्ड निकलेकगी, अत: स्थानीय उद्यमी तैयारी में है और आगे स्कूल खुलने के बाद कपड़ा बाजार भी शेयर मार्केट की तरह होगा।
मंगलम यार्न-मण्डी के शीर्ष यार्न सप्लायर श्री दिनेश बागड़ोदिया ने बताया कि यार्न बाजार में तेजी है, जिसमें कॉटन धागे में कार्य बेहतर है, यानि फिलहाल हमारे प्रतिष्ठान से ओसतन 60त्न डिस्पेच हो रही है। सिन्थेटिक धागे में भी पिछले पखवाड़े से 5-7 रूपये बढ़ चुके हैं। यार्न मिलों का निर्यात सेक्टर में कार्य बेहतर है।
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