ऑर्गेनिक कपास उत्पादन की ओर किसानों के बढ़े कदम  

मुंबई/ रमाशंकर पाण्डेय
देश में कपास का उत्पादन एवं रुई की खपत दोनों बढ़ी हंै। रुई के वैश्विक उत्पादन में भारत का योगदान करीब 25 प्रतिशत है। देश में करीब 360 लाख गांठ से अधिक रुई और 12.3 लाख टन जितना आर्गेनिक रूई का उत्पादन किया जाता है, जो कुल वैश्विक 24 लाख टन उत्पादन का 51 प्रतिशत है। आर्गेनिक रूई के उत्पादन में मध्यप्रदेश सबसे आगे है, जहां कुल उत्पादन में इसका हिस्सा 38 प्रतिशत है। उसके बाद उड़ीसा का 20 प्रतिशत, महाराष्ट्र का 19 प्रतिशत, गुजरात का 15 प्रतिशत और राजस्थान का आठ प्रतिशत है। रुई का उत्पादन करने वाले मुख्य 15 राज्यों में उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए कॉटन डवलपमेंट प्लान को अमलीजामा पहनाया गया है। 
यह कार्य कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने नेशनल फ ूड सिक्योरिटी मिशन के तहत किया गया है, परंतु सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच वर्षो में सिर्फ  आठ राज्य ही आर्गेनिक कपास की खेती कर रहे हैं, जबकि विविध संस्थाओं के सहयोग से 2017 से 2021 के दौरान 64 नॉन बीटी कॉटन वेराइटीज- हाईब्रिड विकसित किया गया है, जिसे आर्गेनिक खेती करने वाले किसान अपना सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार देश में करीब 65 लाख किसान कपास की खेती करते हैं। इसमें करीब एक करोड़ से अधिक श्रमिक संबंधित क्षेत्रों में कार्य करते हैं। किसान अब आर्गेनिक कपास की ओर बढऩे लगे हैं, पर यह सुनिश्चित किया जाए कि आर्गेनिक कपास की मांग देश एंव विदेशों में बढ़े। 
आर्गेनिक कपास के किसानों का मानना है कि आर्गेनिक कपास टेक्सटाइल में बहुत लाभ नहीं मिलता है, भाव अधिक होने के कारण इसकी मांग भी कम होती है। आर्गेनिक टे्रड एसोसिएशन का कहना है कि आर्गेनिक कपास की खेती विकसित हो रही है। कारण कि इसमें पर्यावरण का नुकसान नहीं होता है। इसके उत्पादन पद्धति से जमीन की गुणवत्ता बनी रहती है। इसके उत्पादन में जहरीले कीटनाशकों एवं खाद का उपयोग नहीं किया जाता है, बल्कि जैविक विविधता के बल पर इसकी खेती की जा सकती है। वैश्विक बाजारों में आर्गेनिक रुई की मांग कम नहीं है, इसलिए इसके निर्यात की संभावनाएं अधिक हैं। वैश्विक स्तर पर इसकी मांग बढ़ रही है, जो आगे चलकर और अच्छी हो सकती है। 
आर्गेनिक कपास एवं रुई के उत्पादन में लगे अन्य देशों में चीन, टर्की, अमेरिका, ग्रीस, युुगांडा, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तंजानिया, बेनिन, पेरू, बुर्सिना पासो, पाकिस्तान, इजिप्त, ब्राजिल, इथोपिया, माली और अर्जेटिना शामिल हैं, परंतु आर्गेनिक रुई के उत्पादन के लिहाज से देखें तो विश्व में जितना इसका उत्पादन हो रहा है, उसका आधा तो अकेले भारत कर रहा है। देश के अनेक राज्यों में आर्गेनिक कपास की खेती की जा रही है। टेक्सटाइल मंत्रालय द्वारा फ रवरी में राज्यसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार 2020-21 में 8,10,934 टन आर्गेनिक कपास का उत्पादन किया गया था, जबकि पिछले दो वर्षो 2019-20 एवं 2018-19 में क्रमश: 3,35, 712 और 3,12,876 टन किया गया था।


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