सूटिंग मिलों द्वारा स्कीम फिर आरंभ फैब्रिक की भाव वृद्धि, भाव घटने का इंतजार
नई दिल्ली/राजेश शर्मा
दिल्ली कपड़ा बाजार में गत सप्ताह कारोबार अत्यंत कमजोर रहा लेकिन आगामी त्यौहारी और वैवाहिक सीजन में मांग आने की आशा से धारणा बेहतर है तथा सिंथेटिक सूटिंग मिलों ने बुकिंग आरंभ करने के साथ ही स्कीमों की घोषणा कर दी है, ताकि अधिक से अधिक ग्राहकी बटोरी जा सके। फैब्रिक की कीमतों में भाव वृद्धि का दौर अब लगभग थम गया है तथा कच्चे माल यानि यार्न के भाव में गिरावट को देखते हुए अब व्यापारी भाव घटने का इंतजार कर रहे हैं। बाजार में भुगतान में देरी हो रही है, इससे व्यापारी परेशान हैं। व्यापारियों का कहना है कि ईद के बाद बाजार ठहर सा गया है। अब बरसात आरंभ हो चुकी है तथा वैवाहिक सीजन भी नहीं है, ऐसे में बाजार की नजरें अब आगामी त्यौहारी और वैवाहिक सीजन पर है।
बाजार में धारणा है कि इस समय कारोबार में मंदे का जोर दौर चल रहा है, वह अभी एक माह तक और जारी रह सकता है लेकिन उसके बाद इसमें सुधार की संभावना है क्योंकि तब दुर्गा पूजा, दशहरा, दीपावली के अतिरिक्त आगामी वैवाहिक सीजन की मांग भी आनी आरंभ हो जाएगी।
सूत्रों के अनुसार अब भाव वृद्धि का दौर ठहर सा गया है तथा व्यापारियों को आशा है कि आगामी दिनों में मिलें और फैब्रिक निर्माता भाव में कमी करेंगे, क्योंकि यार्न में गिरावट आनी आरंभ हो गई है। उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व देश में कॉटन के भाव ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गए थे और इससे कॉटन यार्न के भाव में भी भारी तेजी आई थी, साथ ही कच्चे तेल के भाव में बढ़ोतरी के साथ ही सिंथेटिक यार्न में भी तेजी आई थी। यही नहीं, बाजार में कपड़े मांग भी थी और इसे देखते हुए मिलों और फैब्रिक निर्माताओं ने कपड़े के भाव काफी बढ़ा दिए।
बहरहाल, अब स्थिति बदली हुई है। जहां बाजार में मांग कमजोर है वहीं कॉटन के भाव भी गिरे हैं और कच्चा तेल भी कुछ सस्ता हुआ है। कॉटन और कॉटन यार्न के भाव में अब लगातार गिरावट आ रही है तथा इसके आगामी दिनों में भी जारी रहने का अनुमान है। हाल ही में रिलाईंस इंडस्ट्रीज ने पीटीए और एमईजी के भाव में कटौती की है। इसका असर पीएसएफ के भाव पर गिरावट का ही आया है। व्यापारियों का आशा है कि आगामी दिनों में निर्माता ग्रे के भाव में कमी कर सकते हैं। कुछ व्यापारियों का मानना है कि असंगठित क्षेत्र में भी फैब्रिक के भाव कम हो सकते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कपड़ा बाजार अब कोविड-पूर्व की स्थिति में लौट रहा है, क्योंकि सूटिंग मिलों ने फ्री स्कीम का दौर आरंभ कर दिया है और ट्यूर आदि भी शुरू कर दिए हैं।
ग्राडो पटाया में बुकिंग के लिए अपने डीलर को लेकर गई है।
सियाराम सिल्क मिल्स ने स्कीम की घोषणा की है।
कैडिनी की भी स्कीम मिल ने निकाली है।
दरअसल मिलों का जोर पर नगद भुगतान पर ही स्कीम देने का है। एक मिल की स्कीम 2.50 लाख रुपए के माल पर नकद भुगतान की है, लेकिन यदि कोई व्यापारी नकद भुगतान नहीं करता है तो उसे एक साल में लगभग 7.50 लाख रुपए का माल खरीदने पर उस स्कीम का लाभ मिल सकता है, लेकिन शर्त यही है कि भुगतान एक साल में ही करना होगा। विगत दिनों रीड एंड टेलर ने भी अच्छी बुकिंग की है। प्राप्त सूचना के अनुसार खुदरा व्यापारियों में बुकिंग के प्रति अधिक दिलचस्पी नहीं है, लेकिन थोक व्यापारियों में कुछ उत्साह है। आगामी सीजन में सूटिंग की अच्छी मांग रहने का भी अनुमान है। शर्टिंग में कारोबार नीरस रहा तथा व्यापारियों का कहना है कि आगामी दिनों मेें भी मांग कमजोर रहने की संभावना है। इसके अतिरिक्त व्यापारी भाव घटने का भी इंतजार कर रहे हैं। डेनिम आदि में रेडीमेड गारमेंट निर्माताओं की मांग कमजोर है। वैवाहिक साडिय़ों और लंहगा-चुन्नी में कारोबार सीमित है, लेकिन जल्दी ही अच्छी मांग आ सकती है। सिंथेटिक साडिय़ों में संतोषजनक कारोबार हो रहा है, क्योंकि तीज आदि त्यौहारों की मांग आ रही है। कॉटन आईटमों में कारोबार कमजोर है तथा व्यापारियों को भाव कम होने की प्रतीक्षा है। लेडिज सूटों में मांग अच्छी आ रही है और आगामी दिनों में कारोबार में और सुधार होने की संभावना है।
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