बालोतरा/ उत्पादन में गति का संचार स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है। मौसम की प्रतिकूलता में कभी आँधी, कभी बादल और कभी बूंदा बांदी के परिणाम स्वरूप अवरोध उभरते हैं, तथापि कार्य प्रक्रिया को मंजिल मिल रही है। भगवान भास्कर की तप्त किरणों से वस्त्र रंगाई छपाई उद्योग को उत्पादन में सहजता का आभास हो रहा है। ग्रे क्लोथ में पूर्ववर्ती मन्दी की हवा अब नहीं रही है। तेजी की संम्भावना को बल मिल रहा है। ग्रे में शनै: शनै: तेजी दृष्टिगोचर हो रही है, इसमें विराम लगने की सम्भावना इन परिस्थितियों में प्रतीत नहीं हो रही है। पोपलीन की मांग में इजाफे से संतुष्टि परम वातावरण बन गया है। नाईटी क्लोथ की लेवाली को भी पंख लगने प्रारम्भ हो गये हैं। इसमें भारी माल की मांग तो नियमित रही, मगर अब सामान्य नाईटी की चालानी को बल मिल रहा है। रूबिया के लिये गर्मी का मौसल विशेष अनुकूल रहता है, जिस कारण से इसको भी अच्छा-खासा रिस्पोंस मिल रहा है। उत्सवों व त्यौहारों के साथ विशेष अवसरों पर साड़ी-फॉल व पेटीकोट के कार्य में मांग से अच्छा प्रतिफल मिल रहा है। सिंथेटिक वस्त्रों की कई क्वालिटीज का रूतबा बरकरार है। पोकेटिंग क्लोथ की विशेष डिमाण्ड तैयार माल की है। समग्र रूप से देखा जाय तो गारमेन्ट के क्षेत्र में कई उद्यमी अच्छा और स्तरीय कार्य कर रहे हैं, जिससे लगता है कि निकट भविष्य में यह क्षेत्र गारमेन्ट उत्पादन की दृष्टि से बड़ा हब रूप में परिवर्तित हो जाएगा। बालोतरा के कारण औद्योगिक चहुँमुखी विकास होगा। सरकार ने इस क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण में जागरूकता के साथ योगदान दिया तो यह क्षेत्र आदर्श रूप देश के मानचित्र पर अंकित होगा। बालोतरा प्रदूषण निवारक एवं नियंत्रक ट्रस्ट के प्रयास सफल रहे, तो उत्पादक को अभी अपना क्षमता के उपयोग की सहमति मिल सकेगी। इससे उत्पादन में जहाँ वृद्धि होगी, वहीं पर मीटर कोस्ट भी प्रभावित होगी। माना कि यहाँ बेरोजगारी नहीं हंै, फिर भी श्रम की लागत देशभर की तुलना में सर्वाधिक है। कुशल श्रमिकों के अभाव का खामियाजा उत्पादकों को भुगतना पड़ रहा है। इसका एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि कुशल श्रमिक जब परिपक्व हो जाते हैं तो वे स्वयं का उत्पादन प्रारम्भ कर देते हैं। इस क्षेत्र की विशेषता है कि कई आरम्भिक तौर पर जो श्रमिक रहे, वे आज स्वयं का उद्योग स्थापित कर लोगों को काम दे रहे हैं। इस बात में सत्यता है कि यहाँ उद्योग लगाना सहज नहीं है तथापि हिम्मत और हौसलों के आधार पर नित प्रति नये उद्योग लग रहे हैं। विस्तार की दृष्टि से नई मशीनों आदि के लगने से यह लगता है कि इस क्षेत्र के उद्योगों का भविष्य आशाओं से भरा हुआ उज्ज्वल है। भगवान महावीर जन्म कल्याणक, राम नवमी के उत्सवों ने नई सरंचना को स्थापित किया। विभिन्न सगंठनों ने भारत रत्न बाबा साहब / भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती को उत्साह व आदर्शों के अध्र्य से ऐतिहासिक बनाया। बाबा रामदेव के लोक देवता के रूप में नगर परिषद के सभापति श्रीमति सुमित्रा देवी ने कथा प्रसंग आयोजित कर विशिष्ठ सेवा प्रदाताओं को सम्मानित कर एक स्वस्थ परम्परा को प्रतिस्थापित किया।
नगर परिषद आयुक्त श्री शिवपाल सिंह के अनुसार इस बार सेस कर का ठेका सर्वाधिक रूपयेे चार करोड़ इक्कीस लाख अठ्ठासी हजार आठ सो अठ्ठासी में मे.आर्यन एसोसियेट्स को मिला। इस बिड में पाँच फर्मो ने भाग लिया। इस बार की बोली सर्वाधिक होने से जल प्रदूषण नियंत्रक एवं निवारक ट्रस्ट के साथ नगर परिषद बालोतरा को अच्छी आय प्राप्त होगी।
इन दिनों जैन धर्मांवालम्बियों के वर्षीतप प्रसंग में अनेक धार्मिक आयोजन सम्पन्न हो रहे हैं। युवाओं का उत्साह प्रेरक बन रहा है।
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