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By: Textile World | Date: 2021-01-22 |
भीलवाड़ा/ कमलेश व्यास
2020 इतिहास के कालखण्डों में उन आपदाओं में शुमार हो गया है, जिसमें सम्पूर्ण मानव जाति का अस्तित्व ही दांव पर लग गया। यही साल था जब दुनिया का सामना कोविड-19 महामारी से हुआ, जिसमें दुनिया में 17 लाख से अधिक मौतें तो सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हो चुकी है। इसी दौर में दुनिया की 17 प्रतिशत के लगभग आबादी वाले भारत का नुकसान महाशक्तियों की तुलना में कम हुआ है।
देश में 25 मार्च को दुनिया का सबसे बड़ा लॉकडाउन लगा, जहां 130 करोड़ आबादी घरों में ठहर गई और यह दौर 30 मई तक चला। इस दौर में कई लोगों का पलायन हुआ, जिसमें टेक्सटाइल इण्डस्ट्री में काम करने वाले मजदूर भी भिवण्डी, भीलवाड़ा अहमदाबाद, इन्दौर, मुम्बई, सूरत, बंगलुरू इत्यादि शहरों से अपने-अपने गृह राज्यों एवं गाँवों में पहुँचे। भीलवाड़ा वस्त्र मण्डी अन्य कपड़ा मण्डियों की तुलना में जल्दी ही शुरू हो गई थी, क्योंकि यहां पर बाहरी लेबर कम ही कार्य करती थी एवं कई बाहरी लेबर यहीं पर बस गये, जिससे लेबर समस्या खास नहीं हुई। 30 मई के बाद जब सरकार की गाईड लाइन से शनै: शनै: इण्डस्ट्री शुरू होने लगी। इस संकट में स्थानीय उद्यमियों ने कड़े संघर्ष के साथ कार्य करते हुए पुन: पटरी पर आने का भरसक प्रयास किया। उस काल में भिवण्डी से मजदूरों का पलायन होने से वहां की जॉब भी भीलवाड़ा मण्डी को मिली जिसमें शर्टिंग, दुपट्टे, बैडशीट इत्यादि का कार्य हुआ। उत्तरप्रदेश सरकार की सरकारी स्कूलों की शर्टिंग फैब्रिक के जॉब ऑर्डर भी कई उद्यमियों को मिलने से इण्डस्ट्री गतिमान रही। इस दौर में एक नया आयाम और विकसित हुआ, जिसमें कोविड-19 ने उद्योग जगत को डिजिटल अपनाने के लिए प्रेरित किया। इससे न केवल कम्पनियों के कारोबार के तरीके में बदलाव आया बल्कि उपभोक्ता का बर्ताव भी बदल गया। उस दौर में क्लाईंट, पार्टनर या कर्मचारी साथ में जुडऩे के लिये जूम या टीम्स जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल ठीक उसी तरह सामान्य रूप से कर रहे थे, जैसे फोन कॉल पर किया करते थे।
भीलवाड़ा वस्त्र मण्डी को सबसे बड़ी मार स्कूल नहीं खुलने से पड़ी यूनिफॉर्म में फैब्रिक सप्लाई ठप्प हो गई क्योंकि देश की 60 प्रतिशत के लगभग यूनिफॉर्म सूटिंग उत्पादन अकेले स्थानीय मण्डी में होता है। अब देश में टीकाकरण (कोविशील्ड) की शुरूआत हो चुकी है, जो 2021 में एक आशावादी सोच को परिलक्षित करेगा। इधर राजस्थान सरकार ने 18 जनवरी से 9वीं से १२वीं कक्षा तक हाई स्कूल कॉलेज एवं कोचिंग संस्थान खोलने की सशर्त अनुमति दी, जिससे पुन: विद्यालयों में रौनक लौटने लगी है, जो अच्छे संकेत हैं। हालांकि राज्य के शिक्षा विभाग का कहना है कि सब कुछ ठीक रहा, तो छह से आठवीं तक के बच्चों को भी स्कूल जाने की अनुमति दे दी जाएगी। अब अगले सत्र तक स्थिति सामान्य होती दिख रही है, जिसमें देश के तमाम स्कूल खुल जायेंगे। ऐसे में यूनिफॉर्म फैब्रिक की जबरदस्त डिमाण्ड निकलेगी और यह कार्य भीलवाड़ा के उद्यमियों को काफी मात्रा में मिलेगा, उसके लिये उद्यमियों को तैयारी करनी होगी।
श्री जुगल किशोर बागड़ोदिया, पूर्व प्रेसीडेन्ट, मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज, भीलवाड़ा
ने कोरोना काल के अपने अनुभव बताते हुए कहा कि उस समय में प्रेसीडेण्ट पद पर सेवारत था उस दौरान उद्यमियों की समस्याओं को हल कराने के लिये भरसक प्रयास किये। इसी क्रम में इण्डस्ट्री एवं राज्य व केन्द्र सरकार से सम्बन्धित जो भी समस्या आई, जैसे जीएसटी से सम्बन्धित जटिल समस्या को वित्तमन्त्रालय एवं टेक्सटाइल मन्त्रालय से समन्वय करके समस्याओं का निराकरण कराया एवं आगे भी चेम्बर प्रयासरत रहेगा। श्री बागड़ोदिया ने बताया कि लोकडाउन 70 दिनों तक चला एवं 14 अप्रेल से भीलवाड़ा में उद्योग शुरू होना चालु हो गये, जिसमें शर्तों के अनुसार राज्य सरकार से मिलकर कुछ बड़े उद्योग स्पिनिंग इत्यादि की शुरूआत हुई एवं कुछ समय बाद वीविंग भी आरम्भ हो गये, क्योंकि उनके लिये जो एसओपी निर्धारित किया गया वो सभंव नहीं था, तो चेम्बर द्वारा स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय करते हुए यथाशीघ्र उद्योग खुलवाए एवं कुछ ठेकेदारों एवं लेबर सम्बन्धित समस्याओं का भी कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक एवं श्रम विभाग के साथ तालमेल बैठाकर समस्याओं का निदान करवाया। कुछ उद्योग समुचित मांग न होने से उस समय खुल नहीं पाये, परंतु लेबर समस्या स्थानीय मण्डी में नहीं आई, क्योंकि अधिकांश लेबर स्थानीय एवं बाहरी भी यहीं पर बसने से इण्डस्ट्री खुलते ही आने लग गये। अब कपड़ा व्यापार में सुधार आने लगा है। 2021 में सीजन बेहतर होगा, जिसमें शैक्षणिक संस्थान खुलने से यूनिफॉर्म सेक्टर में बल्क कार्य यहां के उद्यमियों को मिलेगा। कई बार संकट आता है, तो कुछ परिवर्तन भी लाता है, जैसे 1993 में मुम्बई ब्लास्ट के बाद भीलवाड़ा सूटिंग सेक्टर का केन्द्र हो गया है। इसी प्रकार अब इस सकंंट के बाद भी भीलवाड़ा और बेहतर तरक्की करेगा, कई नये प्रोजेक्ट्स आयेंगे जिसमें सरकार का सहयोग अपेक्षित रहेगा।
श्री हरि अग्रवाल, डायरेक्टर, ब्राइट स्टाइल फैब्रिक्स प्रा लि., भीलवाड़ा
ने बताया कि 2021 व्यापार की दृष्टिकोण से बेहतर होगा व नए प्रोजेक्ट भी आ रहे हैं, इसी के मद्देनजर डिमांड भी बेहतर होगी। श्री अग्रवाल ने बताया कि भीलवाड़ा वस्त्र मंडी के उद्यमियों ने वैश्विक महामारी के दौरान कड़ा संघर्ष करते हुए इस संकट का सामना किया और जब सरकार की गाइडलाइन आई, तो उस दौर में प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया। इंडस्ट्री को उत्तर प्रदेश सरकार की स्कूल यूनिफॉर्म का कार्य मिलने से काफी राहत मिली, जिससे इंडस्ट्रीज गतिशील रही। उस दौर में कई पार्टिंयों ने हमें सहयोग किया एवं दूरदर्शिंता दिखाई। वे हमारे लिए काफी संबल के रूप में सहयोगी साबित हुए एवं जिन्होंने अदूरदर्शिंता दिखाई वे नुकसान में रहे। अभी पिछले पखवाड़े से यार्न में काफी तेजी बनी हुई है और यार्न दरों का रुख तेजी का ही दिख रहा है। श्री अग्रवाल ने कहा कि इस वैश्विक संकट के दौर से मानव समुदाय ने बहुत कुछ सीखा भी है, जिसमें हमने भी कठिन परिस्थितियों की चुनौतियों से सामना करते हुए हमारे कर्मचारियों, व्यापारियों में तारतम्यता बनाते हुए उद्योग को चालू रखा एवं सतत रूप से कार्यशील ही रहे व भविष्य में भी आशावादी रुख से बेहतर कार्य करने के प्रति कटिबद्ध हैं।
श्री मुकेश कोठारी, मार्केटिंग हेड,
मोनालिसा सिथेटिक्स, भीलवाड़ा
ने बताया कि इण्डस्ट्री अब रनिंग में आ चुकी है। फिलहाल वीविंग 16 पैसे डबल पर आ पहुँची है। अब रिटेल ग्राहकी का इंतजार है, जो मार्च अन्त तक निकलने वाली है। कोरोना काल में इण्डस्ट्री में बहुत बुरा दौर देखा, जो अब शनै: शनै: समाप्त हो रहा है। वैक्सीन की शुरूआत एवं स्कूलों की भी शुरूआत अच्छे संकेत देने लगी है। 2021 सभी के लिये बेहतर होगा।
श्री भीखाराम चौधरी, होलसेल व्यवसायी,
मयूर फैब्रिक्स, करनूल (आन्ध्रा)
ने बताया कि कोरोना काल ने बड़ा दंश दिया, परंतु संघर्ष करते हुए कार्य भी करते रहे। फिलहाल व्यापार स्थिर ही है, अब जल्दी ही सकंट के बादल साफ होंगे, मार्च से ही अच्छा व्यापार चलेगा।