कॉटन यार्न की मांग में सुधार, कुछ वैरायटी के भाव बढ़े
By: Textile World |
Date: 2020-10-07 |
|
मुंबई/ वीविंग कामकाज में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। लूमों पर ग्रे कपड़ों का उत्पादन पहले की तुलना में अच्छा आना शुरू होने से हाल वीविंग इकाईयों की कॉटन यार्न की मांग बढ़ी है। कॉटन यार्न का स्थिर रुख अब तेजी में बदल गया है। कोरोना के कारण अपने गांव चले गए प्रवासी मजदूरों के फिर से लौटने के कारण भिवंडी में अब 50 प्रतिशत लूमों पर ग्रे कपड़ों का उत्पादन होने लगा है, तो इचलकरंजी में 80 प्रतिशत लूमों पर कपड़ा बन रहा है। इसीके मद्देेनजर यार्न बाजार में 60 एवं 64 काउण्ट के यार्न के भाव में प्रति 5 किलो 100 रू का उछाल आया है। कॉटन यार्न की मांग आगे चलकर और बढ़ेगी। स्पिनिंग मिलों की उत्पादन क्षमता भी बढ़नी शुरू हो गई है। भारी कॉटन यार्न के बेकलॉग से परेशान स्पिनिंग मिलें अब करीब 75 प्रतिशत की क्षमता पर कार्य कर रही है, इस तरह की रिपोर्ट मिल रही है। स्पिनिंग इकाइयों के लिए जरूरी कच्चा माल रुई के भाव सतही स्तर पर हैं। इतना ही नहीं, बाजार में रुई की अच्छी उपलब्धि के साथ नई रुई भी बाजार में उतर रही है। रुई के भाव में अभी कम से कम तीन से चार महीने तक तेजी की कोई संभावना नहीं लग रही है। अक्टूबर से शुरू सीजन में देश में रूई की बम्पर पैदावार के अनुमान के साथ हाजिर बाजार में रुई के भाव उचित स्तर पर होने से मिलों को काटन यार्न के उत्पादन में मदद मिल रही है, जरूरत इस बात की है कि घरेलू बाजार में इनकी खपत बढ़े, साथ ही कॉटन यार्न की निर्यात मांग बढ़े।