पीपीई किट का विकल्प खोजने की आवश्यकता -श्री रमन जिंदल
By: Textile World |
Date: 2020-09-26 |
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शर्टिंग फैब्रिक की मांग कभी तेज, कभी धीमी
मुम्बई/ इस कोरोना महामारी के चलते अनलॉक 4 में मार्केट की स्थिति में थोड़ा सुधार देखा गया है।शर्टिंग फैब्रिक में बाहरी मंडियों से डिमांड आ रही है, लेकिन वह थोड़े समय के लिए ही रहती है। वर्तमान स्थिति की बात की जाए तो थोड़ी डिमांड बनी थी, लेकिन वापस बाहरी मंडियों में लोक डाउन की अफवाह के चलते मार्केट में डिमांड कम हो गई। बजाज फैब व जिंदल फैब के डायरेक्टर श्री रमन जिंदल ने बताया कि अभी 15 - 20 दिन मार्केट में सुधार देखा गया है। हमारी कंपनी के सेल्समेन बाहरी मंडियों के लिए नई-नई सेंपलिंग कर बाहर निकल रहे हैं, लेकिन उन्हें ट्रेनों की समस्या का सामना करना पढ़ रहा है, जिससे व्यापार पर बुरा असर पड़ रहा है। श्री जिंदल ने कहा कि सरकार को अब ट्रेनों की आवाजाही चालू कर देनी चाहिए, जिससे किसी भी वर्कर को आने जाने में परेशानी नहीं हो तथा बाहरी मंडियों में कार्य भी चालू हो जाए, जिससे कपड़ा व्यापार वापस गति पकड़ सके।
एंटीवायरस फैब्रिक के बारे में श्री जिंदल का कहना है कि यह इनोवेशन काफी अच्छा है, परंतु रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले कपड़ों से किसी को कोरोना नहीं हुआ है, साथ ही अब तक किसी ने यह साबित भी नहीं किया है कि कपड़ों से कोरोना को रोका जा सकता है, अन्यथा मेडिकल डिपार्टमेंट में पीपीई किट की जरूरत ही नहीं होती। पीपीई किट पहन कर काम करना हेल्थ और हाइजिन के हिसाब से काफी मुश्किल है। इसे पहन कर काम करने वालों के शरीर का पसीना आसानी से नहीं सूखता है, मगर उनके पास दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है और अगर फैब्रिक निर्माता ऐसे कपड़े की खोज करते हैं, तो पीपीई किट की आवश्यकता ही खत्म हो जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि इस महामारी से हमारे व्यापार एवं जीवन जीने के तरीके में काफी सुधार हुआ है। मार्केट ट्रेंड के अनुसार प्रोडक्शन काफी कमजोर है। लगभग 30 प्रतिशत फैब्रिक का उत्पादन हो रहा है। इसमें दो पहलू हैं पहला लेबर की कमी और दूसरी डिमांड भी कम है, जिससे हमें आगे व्यापार करने में काफी मुश्किल हो रही है। मार्केट में अच्छे व्यापारी पेमेंट भी कर रहे हैं और डिमांड के अनुसार कपड़ा भी लिखा रहे हैं। हमारा मानना है कि व्यापार जगत में सभी को साथ मिलकर आगे बढऩा चाहिए, जिससे व्यापार को गति मिल सकेगी।